॥ श्रीगणपति अष्टोत्तरशतनामावलिः ॥
गणपति अष्टोत्तरशतनामावलिः
ॐ गणेश्वराय नमः
ॐ गणक्रीडाय नमः
ॐ महागणपतये नमः
ॐ विश्वकर्त्रे नमः
ॐ विश्वमुखाय नमः
ॐ दुर्जयाय नमः
ॐ धूर्जयाय नमः
ॐ जयाय नमः
ॐ सुरूपाय नमः
ॐ सर्वनेत्राधिवासाय नमः
ॐ वीरासनाश्रयाय नमः
ॐ योगाधिपाय नमः
ॐ तारकस्थाय नमः
ॐ पुरुषाय नमः
ॐ गजकर्णकाय नमः
ॐ चित्राङ्गाय नमः
ॐ श्यामदशनाय नमः
ॐ भालचन्द्राय नमः
ॐ चतुर्भुजाय नमः
ॐ शम्भुतेजसे नमः
ॐ यज्ञकायाय नमः
ॐ सर्वात्मने नमः
ॐ सामबृंहिताय नमः
ॐ कुलाचलांसाय नमः
ॐ व्योमनाभये नमः
ॐ कल्पद्रुमवनालयाय नमः
ॐ निम्ननाभये नमः
ॐ स्थूलकुक्षये नमः
ॐ पीनवक्षसे नमः
ॐ बृहद्भुजाय नमः
ॐ पीनस्कन्धाय नमः
ॐ कम्बुकण्ठाय नमः
ॐ लम्बोष्ठाय नमः
ॐ लम्बनासिकाय नमः
ॐ सर्वायवसम्पूर्णाय नमः
ॐ सर्वलक्षणलक्षिताय नमः
ॐ इक्षुचापधराय नमः
ॐ शूलिने नमः
ॐ कान्तिकन्दलिताश्रयाय नमः
ॐ अक्षमालाधराय नमः
ॐ ज्ञानमुद्रावते नमः
ॐ विजयावहाय नमः
ॐ कामिनीकामनाकाममालिनीकेलिलालिताय नमः
ॐ अमोघसिद्धये नमः
ॐ आधाराय नमः
ॐ आधाराधेयवर्जिताय नमः
ॐ इन्दीवरदलश्यामाय नमः
ॐ इन्दुमण्डलनिर्मलाय नमः
ॐ कर्मसाक्षिणे नमः
ॐ कर्मकर्त्रे नमः
ॐ कर्माकर्मफलप्रदाय नमः
ॐ कमण्डलुधराय नमः
ॐ कल्पाय नमः
ॐ कपर्दिने नमः
ॐ कटिसूत्रभृते नमः
ॐ कारुण्यदेहाय नमः
ॐ कपिलाय नमः
ॐ गुह्यागमनिरूपिताय नमः
ॐ गुहाशयाय नमः
ॐ गुहाब्धिस्थाय नमः
ॐ घटकुम्भाय नमः
ॐ घटोदराय नमः
ॐ पूर्णानन्दाय नमः
ॐ परानन्दाय नमः
ॐ धनदाय नमः
ॐ धरणीधराय नमः
ॐ बृहत्तमाय नमः
ॐ ब्रह्मपराय नमः
ॐ ब्रह्मण्याय नमः
ॐ ब्रह्मवित्प्रियाय नमः
ॐ भव्याय नमः
ॐ भूतालयाय नमः
ॐ भोगदात्रे नमः
ॐ महामनसे नमः
ॐ वरेण्याय नमः
ॐ वामदेवाय नमः
ॐ वन्द्याय नमः
ॐ वज्रनिवारणाय नमः
ॐ विश्वकर्त्रे नमः
ॐ विश्वचक्षुषे नमः
ॐ हवनाय नमः
ॐ हव्यकव्यभुजे नमः
ॐ स्वतन्त्राय नमः
ॐ सत्यसङ्कल्पाय नमः
ॐ सौभाग्यवर्धनाय नमः
ॐ कीर्तिदाय नमः
ॐ शोकहारिणे नमः
ॐ त्रिवर्गफलदायकाय नमः
ॐ चतुर्बाहवे नमः
ॐ चतुर्दन्ताय नमः
ॐ चतुर्थातिथिसम्भवाय नमः
ॐ सहस्रशीर्षे पुरुषाय नमः
ॐ सहस्राक्षाय नमः
ॐ सहस्रपादे नमः
ॐ कामरूपाय नमः
ॐ कामगतये नमः
ॐ द्विरदाय नमः
ॐ द्वीपरक्षकाय नमः
ॐ क्षेत्राधिपाय नमः
ॐ क्षमाभर्त्रे नमः
ॐ लयस्थाय नमः
ॐ लड्डुकप्रियाय नमः
ॐ प्रतिवादिमुखस्तम्भाय नमः
ॐ दुष्टचित्तप्रसादनाय नमः
ॐ भगवते नमः
ॐ भक्तिसुलभाय नमः
ॐ याज्ञिकाय नमः
ॐ याजकप्रियाय नमः
॥ इति श्रीगणेशपुराणे उपासनाखण्डे श्रीगणपत्यष्टोत्तरशतनामावलिः ॥